Азия: шедевры древней архитектуры (большие фото)
Источник: गुरुजी (Гуру джи)
Гуружди (10 000 подписчиков в ФБ) пишет об Индии, Индонезии и других храмовых местах Мира
एषां भूतानां पृथ्वी रसः,पृथिव्या आपो
रसोऽपामोषधयो रसः, औषधीनां पुरुषो रसः,
पुरुषस्य वाग्रसो वाच ऋग्रस
ऋचः सामरसः साम्न उद्-गीथो रसः ॥ १.१.२ ॥
)переврд) Высокомерный Бог земли больше всех существ, высокомерный Бог воды больше всех богов земли. Есть больше, чем варун, Сарасвати больше чем сом, а Рича больше, чем сарасвати, и больше, чем Рича — жизнь, и больше, чем жизнь — это rīmannanārārāna, никто не больше, чем Сриманнанараяна. Я не знаю.
एषां भूतानां पृथ्वी रसः,पृथिव्या आपो
रसोऽपामोषधयो रसः, औषधीनां पुरुषो रसः,
ऋचः सामरसः साम्न उद्-गीथो रसः ॥ १.१.२ ॥
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कृष्ण को समझना बड़ा कठिन है। आसान है यह बात समझना कि एक आदमी संसार को छोड़कर चला जाए और शांत हो जाए। कठिन है इस बात को समझना कि संसार के संघर्ष में, बीच में खड़ा होकर और शांत हो।
आसान है यह बात समझनी कि आदमी विरक्त हो जाए, आसक्ति के संबंध तोड़कर भाग जाए और उसमें एक पवित्रता का जन्म हो। कठिन है यह बात समझनी कि जीवन के सारे उपद्रव के बीच, जीवन के सारे उपद्रव में अलिप्त, जीवन के सारे धूल-धवाँस के कोहरे और आँधियों में खड़ा हुआ दिया हिलता न हो, उसकी लौ कँपती न हो-कठिन है यह समझना।…
Легко понять, что мужчина становится нечалантным, разорвать отношения привязанности и рождение святости. Сложно понять, что между всеми неприятностями жизни, во всем насилии жизни, туманом жизни и туманом дыма и тьмы, не мерцаем, понять сложно.
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कहते है अंग्रेजो के आने से पहले भारतीय सुई बनाना भी नही जानते थे .. ओर इसी बात को पुख्ता करने के लिए आपके सामने भारतीय स्थापत्य कला का इतिहास कभी पढ़ाया ही नही गया ।।
क्या अंग्रेज आधुनिक मशीनें लेकर भी ऐसे स्तम्भ बना सकते है ??
अब सोशल मीडिया है, आप देश की प्रत्येक जनता को बता सकते है, हमारा पुरातन इतिहास कितना महान है । 🙏
Говорят, что до прихода британцев индиец не знал, как сделать иглу.. А перед вами историю индийской архитектуры никогда не учили перед вами. Я не знаю.
Может ли английский сделать такие столбы даже с современными машинами??
Теперь есть социальные медиа, можно рассказать каждому публике страны, насколько велика наша древняя история. 🙏
हजारो साल पहले बने मंदिरो की इन नक्काशियों को गौर से देखो , इस आधुनिकता ओर विज्ञान की उन्नति का जो घमण्ड हमने पाला है, वह चकनाचूर हो जाएगा ।।
कंदारिया महादेव मंदिर — खजुराहो (MP)
Посмотрите внимательно на эти знаки храма, сделанные тысячи лет назад, гордость этой современности и продвижение науки, мы будем разбиты. Я не знаю.
Храм Кандария Махадева — Хаджурахо
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पत्थरो पर ऐसी महान नक्काशियां … आज से हजारो वर्ष पूर्व … सवाल यह है, यह छीनी हथोड़ो से हुआ कैसे ?? या दूसरा पक्ष ही सही है, की देवता स्वयं इन मंदिरों का निर्माण करते थे ? जिन्हे आजकल विज्ञान की भाषा मे परग्रही कहा जाता है ?
सहस्त्रबाहुमंदिर — ग्वालियर
Такие великие знаки на камне… тысячи лет назад… Вопрос в том, как это вырвано из хаторо?? или другая сторона, сам Бог строил эти храмы? Те, кого сейчас называют чужой на языке науки?
Гвалиор
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एक एक स्तम्भ पर कितने वर्षों की मेहनत लगी होगी, अगर एक हथौड़ा भी गलत पड़ता, तो सालों की मेहनत खराब … यह कलाकृति है सूर्य मंदिर मोढेरा ( गुजरात ) की ।